पाइल्स (बवासीर) में क्या खाना चाहिए और पाइल्स में परहेज - Diet Chart
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by Yogveda india
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पाइल्स या बवासीर को हिंदी में 'अर्श' कहा जाता है, जो गुदा के आसपास वृद्धि होने वाली एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। यह समस्या अधिकतर बैठने, खड़े रहने, भारी बोझ उठाने या अनियमित आहार के कारण हो सकती है। यदि आप पाइल्स से पीड़ित हैं, तो आपको अपने आहार में कुछ बदलाव करना हो सकता है और कुछ प्रतिबंधित आदतें अपनानी हो सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि पाइल्स में क्या खाना चाहिए और पाइल्स में किन परहेजों का पालन करना चाहिए।
पाइल्स (Piles) में क्या-क्या खाना चाहिए:
फाइबर युक्त आहार: पाइल्स के मरीजों के लिए फाइबर युक्त आहार बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर से भरपूर आहार पाचन को सुधारता है और मल को सोफ़्ट बनाए रखता है, जिससे दर्द और इरिटेशन कम होता है। फाइबर युक्त खाद्य में शामिल हो सकते हैं:
अनाज (गेहूं लापसी, शाली चावल)
दाल ( मूंग)
फल (खीरा, गाजर, पपीता, केला, अंजीर, सेब, आलूबुखारा)
पानी: पर्याप्त पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है जब आप पाइल्स से पीड़ित हैं। पानी पीने से आपके मल में परिस्थितियों में सुधार हो सकता है और सुनिश्चित किया जा सकता है कि आपका शरीर ताजगी से काम कर रहा है।
हल्का खाना: हल्का खाना खाना भी एक सुनिश्चित तरीका है जो पाइल्स के मरीजों को राहत पहुंचा सकता है। तला-भुना और मिर्च-मसाले युक्त भोजन से बचना चाहिए।
प्राकृतिक रस: पाइल्स में नारंगी, आम, अनार का रस पीना भी उपयुक्त हो सकता है, क्योंकि ये आपके पाचन को मजबूत कर सकते हैं और मल को सोफ़्ट बनाए रख सकते हैं।
जीरा और सौंफ: जीरा और सौंफ का सेवन करना भी पाइल्स के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। ये पाचन को मजबूती प्रदान कर सकते हैं और कब्ज से राहत दिला सकते हैं।
पाइल्स के मरीज़ों को गेहूं, जौ, चावल, मसूर दाल, मूंग दाल, और अरहर की दाल का सेवन करना चाहिए. साथ ही, उबली हुई सब्ज़ियां खानी चाहिए. रसभरी, अंजीर, और दही-केफ़िर भी खाए जा सकते हैं. रसभरी में फ़ाइबर होता है, जो कब्ज़ और पेट के एंठन को कम करता है. अंजीर में फ़ाइबर और पोषक तत्व होते हैं, और इसमें 30 फ़ीसदी पानी भी होता है, जो कब्ज़, गैस, और एसिडिटी से राहत दिलाता है. दही और केफ़िर भी खाए जा सकते हैं.
पाइल्स में परहेज: सही तरीके से रखें ख्याल
पाइल्स (बवासीर) में परहेज बहुत महत्वपूर्ण है, और यहां हम जानेंगे कि इसे लेकर सावधानियों का पालन क्यों जरूरी है।
अधिक देर तक एक ही जगह पर बैठे ना रहें: लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठने से पाइल्स में और बढ़ोतरी हो सकती है, इसलिए नियमित अंतरालों में उठें और चलें।
तेल, तला-भुना और मिर्च-मसाले युक्त भोजन से बचें (जंक-फूड ना खाएं): तेलीय मसालेदार और तला-भुना खाना पाइल्स की स्थिति को बिगड़ा सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
व्यायाम: नियमित व्यायाम करना भी पाइल्स के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह मल की सामग्री को सही रूप से हरित करने में मदद कर सकता है और परहेज में सुधार कर सकता है।
उपवास: कुछ लोगों के लिए उपवास करना भी एक तरीका हो सकता है जिससे वे पाइल्स के संबंध में बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं।
सही स्थिति: सही स्थिति में बैठकर काम करना या सोना भी महत्वपूर्ण है। गुदा क्षेत्र को अधिक दबाव से बचाने के लिए सही स्थिति में रहना बहुत आवश्यक है।
नियमित शौच: नियमित रूप से शौच जाना भी पाइल्स के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि मल सामग्री से शरीर बाहर निकलती रहती है और आपके गुदा क्षेत्र में दबाव कम होता है।
बढ़ते बोझ से बचें: बैठकर या खड़े रहकर बढ़ते बोझ से बचें, और भारी बोझ उठाने से भी परहेज करें।
आपको राजमा, छोले, चना,मूंगफली, और दूसरी दालें जैसे मसूर की दाल से परहेज करना चाहिए। इससे समस्या बढ़ सकती है।
पाइल्स (बवासीर) को एक अच्छी जीवनशैली और स्वस्थ आहार के साथ सुधार की जा सकती हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप अपने चिकित्सक से परामर्श करें और उनकी सलाह का पालन करें। साथ ही, योग और प्राणायाम जैसी व्यायाम भी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। इन सभी सावधानियों और सुझावों के साथ, आप पाइल्स से राहत प्राप्त कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली का आनंद उठा सकते हैं।
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