क्या आप भी हैं PCOD या PCOS से परेशान? आयुर्वेद से इस समस्या का हल!
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by Yogveda india
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PCOD या PCOS एक ऐसी समस्या है जिसमें महिलाओं के अंडाशय में अनियमितता होती है। यह बहुत से कारणों से होता है और इसका सीधा प्रभाव हमारे स्त्री रोगों जैसे मासिक धर्म के अनियमित होने, अधिक वजन बढ़ने और बालों का झड़ना जैसे लक्षणों के रूप में दिखता है। इस समस्या का समाधान आयुर्वेद में भी उपलब्ध है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि PCOD क्या होता है, इसके लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।
PCOD/PCOS के कारण
PCOD/PCOS के अनेक कारण होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
अनियमित खान-पान और व्यायाम की कमी
उच्च रक्तचाप और डायबिटीज
संतृप्ति न होने के कारण अत्यधिक तनाव
प्रतिरोधशक्ति के कमजोर होने के कारण संक्रमण या अन्य रोग
यौन समस्याएं या उनका उपचार
गर्भावस्था से संबंधित समस्याएं या शिशु के जन्म से संबंधित समस्याएं
PCOD या PCOS के लक्षण:
PCOD या PCOS महिलाओं में अनेक शारीरिक और मानसिक लक्षणों का कारण बनता है। इस समस्या के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं:
अनियमित मासिक धर्म:इसमें मासिक धर्म अनियमित होता है जैसे कि महिने में दो बार, या फिर तीन महीने तक न होने के बाद अचानक भरपूर खून निकलना।
अतिरिक्त वजन:महिलाओं में पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ जाता है। इससे उन्हें ओबेसिटी का सामना करना पड़ता है।
एक साथ कई अंडोदशा:इस समस्या में महिलाओं के अंडशय में एक से अधिक अंडों का विकास हो सकता है। इससे उन्हें बदलते हुए हार्मोनों की समस्या होती है।
बालों का झड़ना:PCOD के मरीजों में बालों का झड़ना और गंजापन होने लगता है।
शरीर का अधिक अंदरूनी भागों में वसा:PCOD के मरीजों में शरीर के अधिक अंदरूनी भागों में वसा जमा हो जाता है।
डिप्रेशन या अवसाद:PCOD के मरीजों में डिप्रेशन या अवसाद का होना आम बात है। हालांकि, यह जानना जरूरी है कि डिप्रेशन केवल मानसिक रोग नहीं है। PCOD में हार्मोन असंतुलन की वजह से महिलाओं को डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है।
आयुर्वेद में PCOD/PCOS का इलाज
कुछ आयुर्वेदिक दवाओं और नुस्खों के बारे में जानते हैं, जो PCOD/PCOS के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आइए जानते हैं कि आयुर्वेद में PCOD/PCOS के इलाज के लिए कौन से दवाएं और नुस्खे हैं।
1. अशोका चूर्ण
अशोका चूर्ण एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है जो महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह दवा अंडाशय के मस्से को कम करती है और हॉर्मोन्स को संतुलित करती है।
2. चंदनादि वटी
चंदनादि वटी का सेवन भी PCOD/PCOS के इलाज में किया जाता है। इसमें चंदन का प्रयोग होता है जो मासिक धर्म के समय शरीर को शांति प्रदान करता है। इसके साथ ही यह अन्य लाभों के लिए भी जाना जाता है।
3. अशोकारिष्ट
अशोकारिष्ट भी एक जाने माने आयुर्वेदिक दवा है जो PCOD/PCOS के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इसमें अशोक की छाल का प्रयोग होता है जो मासिक धर्म के समय शरीर के अंगों को सुखा देता है और संक्रमण को दूर करता है।
4.अलसी के बीज
अलसी के बीजों का सेवन भी PCOD/PCOS के उपचार में फायदेमंद होता है। यह अंगूठी की तरह भी सेवन किया जा सकता है। अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो हार्मोनल असंतुलन को दूर करते हैं और मासिक धर्म के अंतराल को नियंत्रित करते हैं।
5. सात्विक आहार
आयुर्वेद में सात्विक आहार का महत्व भी बताया गया है जो PCOD/PCOS के उपचार में मददगार साबित होता है। सात्विक आहार में हरे सब्जियां, फल, दालें, अनाज, मिल्क आदि आहार आयुर्वेदिक उपचार का महत्वपूर्ण अंग हैं। इनमें पोषण तत्व अधिक मात्रा में होते हैं जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
हरे सब्जियां और फल में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
दालें और अनाज में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और अधिकतम पोषण प्रदान करते हैं।
मिल्क शरीर के लिए एक उत्तम स्रोत होता है, जो कैल्शियम और प्रोटीन की अच्छी मात्रा प्रदान करता है।
अन्य आहार जो आयुर्वेदिक उपचार के लिए उपयोगी हैं, वे हैं केला, अमरुद, सेब, नारियल पानी, गुड़, आदि। इनमें विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो शरीर को ताकत देते हैं और संतुलित रखते हैं।
अंत में, PCOD/PCOS आयुर्वेद के अनुसार ठीक हो सकता है, लेकिन इसमें समय लग सकता है। इसलिए, इस समस्या को समय पर पहचानें और इसका सही इलाज करवाएं। आयुर्वेदिक उपचार के साथ-साथ स्वस्थ खान-पान और नियमित व्यायाम भी करना चाहिए। इससे आपकी सेहत अच्छी होगी और आप PCOD/PCOS से मुक्ति पा सकेंगी।