महिलाओं में थायरॉइड की समस्या को ठीक करने के लिए में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? जानिए
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by Yogveda india
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थायरॉइड महिलाओं में आम समस्या है, खासकर उम्र बढ़ने के साथ यह अधिक देखने को मिलती है। थायरॉइड ग्रंथि हमारे गले में स्थित होती है और यह हार्मोन का उत्पादन करती है, जो हमारे शरीर के मेटाबोलिज़्म, ऊर्जा स्तर और कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। जब थायरॉइड ग्रंथि सही से काम नहीं करती, तो इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। थायरॉइड की समस्याएं मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं – हाइपोथायरायडिज़्म (Hypothyroidism) और हाइपरथायरायडिज़्म (Hyperthyroidism)। हाइपोथायरायडिज़्म तब होता है जब थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती, जबकि हाइपरथायरायडिज़्म में यह अत्यधिक हार्मोन का उत्पादन करती है।
आजकल थायरॉयड की समस्या बहुत आम हो गई है। यह एक हार्मोनल समस्या है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है। सही खान-पान से थायरॉयड को कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में जानेंगे कि थायरॉयड में क्या खाना चाहिए और थायरॉयड में क्या नहीं खाना चाहिए। साथ ही, यह भी समझेंगे कि हाइपरथायरॉयडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए और हाइपरथायरॉयडिज्म में क्या खाना चाहिए।
थायरॉइड की समस्या के लक्षण
महिलाओं में थायरॉइड के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षण हैं:
अत्यधिक थकान और कमजोरी: थायरॉइड के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है।
वजन में वृद्धि या कमी: हाइपोथायरायडिज़्म में वजन बढ़ सकता है, जबकि हाइपरथायरायडिज़्म में वजन घट सकता है।
मासिक धर्म में बदलाव: हाइपोथायरायडिज़्म में मासिक धर्म अधिक भारी और अनियमित हो सकते हैं।
बालों का झड़ना और त्वचा का सूखापन: थायरॉइड की समस्या से बालों का झड़ना और त्वचा का सूखना आम है।
मानसिक तनाव और अवसाद: थायरॉइड की समस्या मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।
महिलाओं में थायरॉइड की समस्या को ठीक करने के लिए में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? जानिए
1. थायरॉयड में क्या आहार खाना चाहिए जानिए
आहार में कुछ विशेष बदलाव करके थायरॉइड की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। निम्नलिखित आहार और खाद्य पदार्थ महिलाओं के लिए सहायक हो सकते हैं:
आयोडीन से भरपूर आहार: थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। अगर शरीर में आयोडीन की कमी हो, तो थायरॉइड की समस्या हो सकती है। आयोडीन का मुख्य स्रोत निम्नलिखित खाद्य पदार्थ होते हैं Ex. आयोडीन युक्त नमक, समुद्री मछली (जैसे सैल्मन, ट्यूना), डेयरी उत्पाद (दूध, दही, पनीर), अंडे
सेलेनियम (Selenium) से भरपूर आहार: सेलेनियम एक महत्वपूर्ण खनिज है जो थायरॉइड की सही कार्यप्रणाली के लिए जरूरी है। यह एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है और थायरॉइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखता है। सेलेनियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में निम्नलिखित शामिल हैं Ex. सूरजमुखी के बीज
जिंक (Zinc) से भरपूर आहार: जिंक थायरॉइड के लिए आवश्यक खनिज है। यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जिंक का प्रमुख स्रोत निम्नलिखित खाद्य पदार्थ हैं ex. मुंग दाल, तिल, नट्स (अखरोट, बादाम), मांसाहार (मुर्गा)
फाइबर से भरपूर आहार: हाइपोथायरायडिज़्म से पीड़ित महिलाओं में पाचन संबंधी समस्याएँ आम होती हैं। इसलिए, फाइबर से भरपूर आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। फाइबर के प्रमुख स्रोत Ex. साबुत अनाज (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस), मसूर, चना, फल (सेब, केला, संतरा), सब्जियाँ (पालक, ब्रोकोली, गाजर)
ऑमेगा-3 फैटी एसिड्स: ऑमेगा-3 फैटी एसिड्स हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और यह सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं। ये फैटी एसिड्स निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं
शकरकंद और आलू: शकरकंद और आलू जैसे कार्बोहाइड्रेट्स थायरॉइड के लिए अच्छे होते हैं, क्योंकि ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।
कम वसा वाले आहार: थायरॉइड ग्रंथि की समस्याओं से प्रभावित व्यक्ति को संतुलित और कम वसा वाला आहार खाना चाहिए। इससे वजन नियंत्रण में रहता है और शरीर की कार्यप्रणाली बेहतर रहती है। Ex. हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मैथी), टमाटर, खीरा
कद्दू के बीज : कद्दू के बीज जिंक का बेहतरीन स्रोत हैं। यह T4 हार्मोन को एक्टिव T3 में बदलने में मदद करता है, जिससे थायरॉयड सही तरीके से काम करता है।
तुलसी के बीज (सब्जा बीज) : ये बीज आयोडीन का अच्छा स्रोत होते हैं, जो थायरॉयड फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
राजगीरा : राजगीरा में प्रचुर मात्रा में आयरन और फाइबर होता है, जो थायरॉयड फंक्शन को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
अनार : अनार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो थायरॉयड की समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
2. विटामिन D का सेवन बढ़ाएं:
विटामिन D थायरॉइड के कार्य के लिए महत्वपूर्ण है और शरीर के इम्यून सिस्टम को भी बेहतर बनाता है। अगर आपके शरीर में विटामिन D की कमी हो, तो थायरॉइड की समस्या बढ़ सकती है। सूरज की रौशनी से विटामिन D प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, दूध, दही, और मछली जैसे खाद्य पदार्थ भी विटामिन D के अच्छे स्रोत होते हैं।
3. जड़ी-बूटियाँ और आयुर्वेदिक उपचार:
अश्वगंधा (Ashwagandha): यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो थायरॉइड के कार्य को संतुलित करने में मदद करती है। यह तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में भी सहायक है।
गिलोय (Giloy): गिलोय का उपयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए किया जाता है, और यह थायरॉइड ग्रंथि के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
कचनार छाल (Kachnar Chhal) : कचनार छाल थायरॉइड की समस्या के इलाज में एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है। यह शरीर में अतिरिक्त वसा और टॉक्सिन्स को हटाने में मदद करती है और थायरॉइड ग्रंथि के कार्य को सुधारती है।
गोक्षुर (Gokshura): गोक्षुर एक और प्रभावशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो थायरॉइड ग्रंथि के सही कार्य को बनाए रखने में मदद करती है।
शिलाजीत (Shilajit): शिलाजीत एक शक्तिशाली प्राकृतिक पदार्थ है, जो शरीर में ऊर्जा और मेटाबोलिज़्म को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह थायरॉइड ग्रंथि के सही कार्य को बनाए रखने में सहायक है।
शुद्ध शिलाजीत (Shuddh Shilajit): शुद्ध शिलाजीत का उपयोग आयुर्वेद में थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय और स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। यह शरीर के अन्य अंगों को भी मजबूती प्रदान करता है।
कैरोटीन (Carotene): कैरोटीन एक प्राकृतिक तत्व है, जो थायरॉइड ग्रंथि के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। यह गाजर, पालक और अन्य सब्जियों में पाया जाता है।
क्लोरोफिल (Chlorophyll): क्लोरोफिल एक शक्तिशाली डिटॉक्सिफाइंग एजेंट है, जो शरीर को शुद्ध करने और थायरॉइड ग्रंथि को संतुलित करने में मदद करता है। यह हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, और धनिया में पाया जाता है।
4. योगवेदा के उत्पादों में इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का समावेश
योगवेदा एक आयुर्वेदिक ब्रांड है, जो थायरॉइड की समस्या को ठीक करने के लिए प्राकृतिक उत्पाद प्रदान करता है। इन उत्पादों में आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसे अश्वगंधा, गिलोय, और अन्य पौधों का उपयोग किया जाता है, जो थायरॉइड के कार्य को संतुलित करने में मदद करते हैं। योगवेदा के थायरॉइड उत्पाद शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने और थायरॉइड ग्रंथि के कार्य को सुधारने में मदद करते हैं।
योगवेदा के उत्पाद विशेष रूप से महिलाओं के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो थायरॉइड के कारण होने वाली समस्याओं से जूझ रही हैं। यह आयुर्वेदिक उपचार प्राकृतिक और प्रभावी होते हैं, जो थायरॉइड के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: जीवनशैली में सुधार करना थायरॉइड के लक्षणों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। सही खानपान, समय पर सोना और तनाव से बचाव आवश्यक हैं।
नियमित व्यायाम करें: व्यायाम से शरीर का मेटाबोलिज़्म ठीक रहता है और यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। व्यायाम से शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और थायरॉइड के लक्षण कम होते हैं।
किसी प्रकार के नशे से बचें: शराब, तंबाकू और अन्य नशे के पदार्थों से बचना थायरॉइड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है। यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।
6. थायरॉइड को ठीक करने के लिए योग और ध्यान
तनाव और मानसिक दबाव थायरॉइड की समस्या को बढ़ा सकते हैं, इसलिए योग और ध्यान जैसी तकनीकें अपनाना बहुत जरूरी हैं। नियमित योगाभ्यास और प्राणायाम से शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है, जिससे थायरॉइड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
अपनी सेहत का ख्याल रखें, आज ही थायरॉइड की समस्या का समाधान पाएं!
अगर आप भी थायरॉइड की समस्या से जूझ रहे हैं और प्राकृतिक उपायों की तलाश कर रहे हैं, तो आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं। योगवेदा के 100% प्राकृतिक उत्पादों से अपने थायरॉइड को संतुलित करें और एक स्वस्थ जीवन जीएं।
अपने जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाएं – अब इंतजार न करें!
थायरॉयड में क्या नहीं खाना चाहिए?
कुछ खाद्य पदार्थ थायरॉयड ग्रंथि के सही कार्य को बाधित कर सकते हैं। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
1. सोया प्रोडक्ट्स
सोया में ऐसे तत्व होते हैं, जो थायरॉयड हार्मोन के निर्माण को बाधित कर सकते हैं। बचने वाले खाद्य पदार्थ:
सोया मिल्क
टोफू
सोया सॉस
सोया प्रोटीन युक्त चीजें
2. गोइट्रोजेन युक्त भोजन
ये खाद्य पदार्थ थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डालते हैं।
ब्रोकली
फूलगोभी
सरसों
मूली और बंदगोभी
3. प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड
ज्यादा नमक और प्रिज़र्वेटिव्स से भरपूर चीजें थायरॉयड के लिए हानिकारक होती हैं।
फास्ट फूड
पैकेज्ड स्नैक्स
चिप्स और कोल्ड ड्रिंक्स
4. शक्कर और कैफीन
मीठे और कैफीनयुक्त चीजें थायरॉयड हार्मोन को असंतुलित कर सकती हैं।
अधिक मीठी चीजें (केक, पेस्ट्री, कुकीज)
चाय और कॉफी
सॉफ्ट ड्रिंक्स
महिलाओं में थायराइड से जुड़े सवाल और उनके जवाब
अगर किसी महिला को थायराइड है तो क्या होता है?
थायराइड की समस्या से वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना, मासिक धर्म में अनियमितता और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
थायराइड की बीमारी को जड़ से खत्म कैसे करें?
थायराइड को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, योग, आयुर्वेदिक उपचार, और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें।
क्या खाने से थायराइड कम हो जाता है?
आयोडीन, सेलेनियम, जिंक और फाइबर युक्त भोजन जैसे समुद्री मछली, अंडे, ब्राजील नट्स, और ताजे फल थायराइड को कम करने में मदद कर सकते हैं।
फीमेल में थायराइड की समस्या कैसे ठीक करें?
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (जैसे अश्वगंधा, गिलोय), और योग को अपनाकर थायराइड की समस्या ठीक की जा सकती है।
थायराइड में पीरियड कैसे आता है?
थायराइड के कारण पीरियड अनियमित हो सकते हैं। हाइपोथायरायडिज़्म में पीरियड ज्यादा और लंबे समय तक हो सकते हैं, जबकि हाइपरथायरायडिज़्म में हल्के और कम दिन तक।
हमें कैसे पता चलेगा कि हमें थायराइड है?
थकान, वजन में बदलाव, गले में सूजन, बाल झड़ना, और मासिक धर्म में अनियमितता जैसे लक्षण होने पर डॉक्टर से जांच करवाएं। TSH और थायराइड हार्मोन टेस्ट इसके लिए उपयोगी हैं।
Note : किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।